ट्रम्प के नोबेल स्वप्न पर पानी फेरती ‘आयरन लेडी’ — मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार

2025 में विश्व राजनीति ने एक चौंकाने वाला मोड़ लिया — जब नोबेल समिति ने अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की उम्मीदों को ठुकराते हुए वेनेज़ुएला की लोकतंत्र आंदोलनकर्ता मारिया कोरिना मचाडो को नोबेल शांति पुरस्कार से नवाज़ा। The Times of India+3Reuters+3Wikipedia+3

मारिया कोरिना मचाडो को नोबेल शांति पुरस्कार
मारिया कोरिना मचाडो को नोबेल शांति पुरस्कार

ट्रम्प का बयानी हमला: “मैंने कहा नहीं ‘दे दो मुझे’ ”

ट्रम्प इस वर्ष लगातार यह दावा करते रहे कि उन्होंने दुनिया भर में युद्घों को शांत कराने में भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने सात युद्ध खत्म किए और यह उम्मीद जताई कि नोबेल समिति उन्हें अनदेखा नहीं करेगी। Outlook India+5mint+5The Times of India+5

एक मीडिया इंटरव्यू में उन्होंने कहा:

“They will never give me a Nobel Peace Prize. I deserve it, but they will never give it to me.” mint
वहीं एक और मौक़े पर उन्होंने कहा कि उन्होंने आठ युद्धों को रोका है, और यह मिलेगा या नहीं — “they’ll find a reason not to give it to me” — ट्रम्प का यह आत्मविश्वास स्पष्ट था। Business Standard+3India TV News+3The Times of India+3

ट्रम्प को यह फ़िक्र थी कि नोबेल समिति उन्हें “बहुत राजनीतिक” मान ले — उन्होंने बाद में कहा कि अगर उन्हें पुरस्कार न मिले, तो यह अमेरिका के लिए अपमान होगा। Business Standard+2Business Standard+2

मचाडो का सफर: लोकतंत्र की मशाल बनाने वाली आवाज़

तो कौन हैं ये मारिया कोरिना मचाडो, जिन्होंने ट्रम्प को मात दी?

  • वेनेज़ुएला में मचाडो लंबे समय से विरोधी नेता रहीं, जिन्होंने निर्वाचन स्वतंत्रता, मानवाधिकार और न्यायिक स्वतंत्रता की आवाज़ उठाई। India Today+3The Times of India+3The Indian Express+3
  • 2024 के चुनावों में उन्हें भाग लेने से रोक दिया गया। इसके बावजूद, उन्होंने विपक्षी गठबंधन की अगुआई की और मतदान पर्यवेक्षण आदि अभियानों को संगठित किया। The Times of India+4The Indian Express+4India Today+4
  • नोबेल समिति ने उनकी “निडर नागरिक साहस” की तारीफ़ की, और कहा कि उन्होंने लोकतंत्र की मशाल अँधेरे के बीच जलाई। The Times of India+3The Indian Express+3Wikipedia+3
  • उनके इस पुरस्कार को प्राप्त करने की घोषणा 10 अक्टूबर 2025 को की गयी, और पुरस्कार वितरण समारोह 10 दिसंबर 2025 को ऑस्लो, नॉर्वे में होगा। Wikipedia+1

टकराव और प्रतिक्रियाएँ: राजनीति बनाम शांति?

ट्रम्प की ओर से निराशा जतायी गयी। व्हाइट हाउस ने कहा कि नोबेल समिति ने “शांति के बजाय राजनीति” को प्राथमिकता दी है। Reuters+4The Guardian+4Business Standard+4
लेकिन नोबेल समिति ने स्पष्ट किया कि उनका चयन “कुशलता, साहस और लोकतांत्रिक संघर्ष” पर आधारित है — न कि मीडिया प्रचार। The Times of India+3Business Standard+3The Indian Express+3

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ट्रम्प की शांति कोशिशों की सराहना की और कहा कि उन्होंने काफी काम किया है, हालांकि यह निर्णय देने की जिम्मेदारी उनकी नहीं है। The Guardian+3India Today+3AP News+3

निष्कर्ष: ट्रम्प का स्वप्न टूटेगा या फिर नए संघर्ष का आगाज़?

ट्रम्प ने बार-बार यह दावा किया कि “मैंने सात युद्धों को रोका है।” mint+2The Times of India+2
लेकिन नोबेल समिति ने उन्हें यह सम्मान नहीं दिया — बल्कि मचाडो को चुना, जिसने लोकतंत्र के लिए बिना हथियारों के संघर्ष किया।

Venezuela's opposition leader Machado wins Nobel Peace Prize, dedicates to Trump

Reuters

Venezuela’s opposition leader Machado wins Nobel Peace Prize, dedicates to Trump

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White House slams Trump's perceived Nobel peace prize snub as 'politics over peace'

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White House slams Trump’s perceived Nobel peace prize snub as ‘politics over peace’

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Venezuelan Democracy Advocate María Corina Machado Receives 2025 Nobel Peace Prize

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irealupdate@gmail.com

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