Raksha Bandhan:7 ऐतिहासिक व पौराणिक कारण जो बताते हैं क्यों हुआ यह त्योहार शुरू

परिचय

Raksha Bandhan, जिसे आमतौर पर Rakhi कहा जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो श्रावण (जुलाई–अगस्त) माह की पूर्णिमा पर मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर एक Rakhi बांधती हैं—यह प्रेम, सुरक्षा और जीवन के लिए शुभकामनाओं का प्रतीक है WikipediaIndia Today

raksha bandhan history significance
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1. कब से मनाया जा रहा है?

इस त्योहार की उत्पत्ति प्राचीन भारत की सभ्यता— लगभग 6000 वर्ष पहले आर्याओं के समय—से जुड़ी मानी जाती है Raksha BandhanRakhi.in। भारतीय मिथकों, इतिहास और पौराणिक कथाओं में इसके कई संदर्भ मिलते हैं, जो इसे समय की कसौटी पर टिकने योग्य बनाते हैं।


2. क्यों मनाया जाता है? प्रमुख कथाएँ

• महाभारत की कहानी: कृष्ण और द्रौपदी

जब भगवान कृष्ण का अंग कट गया, तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा बांधकर उसे रक्तस्तम्भ से बचाया। कृष्ण इस प्रेम के भाव से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने हमेशा उसे सुरक्षित रखने का वादा किया TestbookRakhi.in

• इंद्र और इंद्राणी की कथा

भविष्य पुराण में वर्णित है कि इंद्राणी ने युद्ध में कमजोर पड़े इंद्र की रक्षा के लिए उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा। इससे उनकी शक्ति और साहस लौट आया WikipediaIndia Today

• लक्ष्मी और बलि का प्रसंग

जब भगवान विष्णु वैकुण्ठ छोड़कर राजा बलि के पास गए, तो देवी लक्ष्मी ने बलि को राखी बांधी और उन्हें भाई का दर्जा दिया। इससे बलि ने भगवान विष्णु को लौटने की अनुमति दे दी Rakhi.inTestbook


3. ऐतिहासिक संदर्भ: वास्तविक घटनाएँ

• रानी कर्णावती और बादशाह हुमायूँ

रानी कर्णावती ने चित्तौड़ की रक्षा के लिए मुगल सम्राट हुमायूँ को राखी भेजी। यह रक्षा और सहयोग की अपील थी, जिस पर हुमायूँ तुरंत उनके बचाव के लिए आए Raksha BandhanRakhi.in

• सिकंदर और राजा पु́रुस (पोरस)

स्कंध 326 ईसा पूर्व में, जब सिकंदर भारत के राजा पोरस से युद्ध कर रहा था, तब पोरस की पत्नी ने राखी भेजकर अपना रक्षक बनने का अनुरोध किया। पोरस ने उसे सम्मानपूर्वक स्वीकार कर लिया Raksha BandhanDws Jewellery

• महारानी जिंदन और नेपाल के राजा

पंजाब की महारानी ने नेपाल के राजा को राखी भेजकर उन्हें अपना भाई माना। उन्होंने आश्वासन दिया और जब सिक्ख साम्राज्य ढहा, तब नेपाल ने उन्हें शरण दी bablarakhi.com


4. आधुनिक संदर्भ: सामाजिक और सांस्कृतिक विस्तार

• बांग्ला विभाजन के दौरान तागतले बंधन

1905 में रबिन्द्रनाथ टैगोर ने बंगाल का विभाजन रोकने के लिए हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बनाकर राखी को एकता का प्रतीक बनाया। उन्होंने दोनों समुदायों ने एक-दूसरे को राखी बांधकर संयमता का संदेश दिया bablarakhi.comEncyclopedia Britannica

• सामाजिक समरसता और भाईचारा

आजकल स्कूल, कॉलेज और सामाजिक संस्थानों में राखी दोस्ती और सामूहिक सुरक्षा का प्रतीक बन गई है। इससे पारिवारिक बंधन के अलावा भी यह त्योहार सामाजिक ताने-बाने को मज़बूत करता है Encyclopedia BritannicaThe Times of India

• देवता को राखी, पर्यावरण की रक्षा

हाल ही में, कई स्थानों पर लोग देवताओं, पेड़ों और प्राकृतिक संसाधनों को राखी बांधकर रक्षा का प्रतीक बनाते हैं। उड़ीसा में महिलाओं ने पेड़ों को राखी बांधी—यह परंपरा पिछले दो वर्ष से पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रचलित है The Times of India


5. वर्तमान दिन पर विशेष जानकारी (2025)

  • Raksha Bandhan 2025: यह 9 अगस्त, 2025 को श्रवण पूर्णिमा पर मनाया जा रहा है WikipediaStatesman
  • यह साल एक सात दशक पुरानी ज्योतिषीय घटना से भी जुड़ा हुआ है—जो इसे और भी दुर्लभ और शुभ बनाता है Indiatimes
  • उत्सव के समय शास्त्रीय नियमों के अनुसार “भद्रा काल” से बचते हुए, शुभ मुहूर्त में राखी बांधना अत्यंत महत्वपूर्ण समझा जाता है, साथ ही मन्त्रों का जाप भी किया जाता है IndiatimesThe Times of India

निष्कर्ष

Raksha Bandhan केवल एक पारिवारिक उत्सव नहीं है— यह सदियों से चली आ रही परंपरा है जो प्रेम, सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द्य का प्रतीक रही है। इससे जुड़े पौराणिक व ऐतिहासिक स्त्रोत हमें सिखाते हैं कि यह त्योहार सिर्फ रक्त संबंधों तक सीमित नहीं, बल्कि एक व्यापक मानवता और जीवन रक्षा का संदेश फैलाता है। समय के साथ, यह त्योहार आधुनिक संदर्भों में भी विकसित हुआ है—चाहे वह सामाजिक एकता हो, पर्यावरण रक्षा हो या देवत्व को समर्पित भावना।

अतिरिक्त जानकारी स्रोत

Here's why Raksha Bandhan (Rakhi) 2025 is century's rarest and luckiest

Indiatimes

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3 days ago

Women tie Rakhis around trees in unique Raksha Bandhan celebration

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Kewalramani College students foster brotherhood and social harmony with Rakhi programme

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